मूलांक 9
नवाँ अंक , अंक ज्योतिष का अन्तिम अंक है। इस मूलांक का स्वामी गृह मंगल को माना जाता है। जिन व्यक्तियों का जन्म किसी भी मास 9 , 18 या 27 तिथियों में हुआ हो वे लोग इस मूलांक के प्रभावी क्षेत्र में आते हैं। यह प्रभाव उस समय और भी बढ़ जाता है जब व्यक्ति 21 मार्च से 19 -26 अप्रैल के दिनों में पैदा हुआ हो , जिसे मंगल का अनुकूल समय माना जाता है अथवा उसका जन्म 21 अक्टूबर से 20 -27 नवम्बर के मध्य हुआ हो , जिसे मंगल का प्रतिकूल समय माना जाता है।
मंगल के प्रभाव में होने के कारण ये व्यक्ति अत्यंत क्रोधी होते हैं। साहस इनमें कूट -कूट कर भरा होता है और खतरों से खेलना इनके प्रिय शौक होते हैं।
अंक 9 वाले व्यक्ति अपने सम्पूर्ण जीवन में संघर्षों से जूझते रहते हैं। उनके बचपन का समय संकटों से भरा होता है और जीवन के अन्तिम काल तक वे सफलता की ओर इसलिए बढ़ते हैं क्योंकि उनका इरादा और ध्येय दृढ़ होता है।
ऐसे व्यक्ति स्वभाव से क्रोधी , आवेगयुक्त , स्वतन्त्र भावनाओं वाले और अपने स्वामी स्वयं होते हैं। वे किसी के अधीन रहना पसन्द नहीं करते।
अत्यधिक क्रोधी होने के कारण इन व्यक्तियों को बुद्धिमान भी नहीं कहा जा सकता। किन्तु ये आवश्यकता से अधिक चालाक होते हैं और चतुराई से ही बड़े से बड़ा कार्य कर लेते हैं।
अंक 9 के व्यक्ति यदि अपने क्रोध और हिंसा पर अधिकार और नियन्त्रण रख सकें तो यह अंक उनके लिए निश्चय ही सौभाग्यशाली सिद्ध होता है।
ये व्यक्ति अविवेकी होते हैं जहाँ शांति से कार्य करना चाहिए वहीं ये अत्यंत शीघ्रता एवं जोश से कार्य करना चाहते हैं जिसके कारण कार्य अधिकतर बिगड़ जाते हैं।
अंक 9 वाले व्यक्ति के जीवन पर तिथियों और घटनाओं का अत्यधिक प्रभाव होता है। उनके अनेक दुश्मन बन जाते हैं और उनका विरोध होने लगता है। वे या तो युद्ध के मैदान में जख्मी हो जाते हैं अथवा मारे जाते हैं। उन्हें जीवनरूपी कर्मभूमि में भी युद्ध के समान ही अनेक संकटों का सामना करना पड़ता है।
ये अत्यंत साहसी होते हैं यदि चाहें तो बड़े से बड़ा कार्य कर सकते हैं किन्तु ये लोग कर्म में विश्वास नहीं रखते और चालाकी एवं धूर्तता से धनोपार्जन करते हैं।
वे किसी प्रकार की आलोचना पसन्द नहीं करते। उन्हें अपने सम्बन्ध में अपनी ही धारणायें सही मालूम होती हैं। वे अपनी योजनाओं में किसी की दखलन्दाजी पसन्द नहीं करते। वे चाहते हैं कि उनकी सेवा -टहल भली प्रकार की जाये और उन्हें घर का मुखिया माना जाये।
यदि इन व्यक्तियों के सामने इनके अवगुणों को बता दिया जाए अथवा इन्हें इनके गलत कार्य पर टोक दिया जाए तो ये उसे समझने की बजाय अत्यंत क्रोधित हो जाते हैं और मार -पीट पर उतारू हो जाते हैं।
ऐसे व्यक्ति महान् उत्साही होते हैं और उनमें श्रेष्ठ सैनिकों के गुण पाये जाते हैं। वे जिस भी क्षेत्र में काम करना चाहें , उनकी इच्छा उस क्षेत्र में नेता बनने की होती है।
उनका सबसे बड़ा शत्रु उनका हठ होता है। वे अपने कार्यों और शब्दों पर नियन्त्रण नहीं रख पाते। उन्हें प्रायः दुर्घटनाओं का शिकार होना पड़ता है। ये दुर्घटनाएं प्रायः आग और विस्फोटों आदि से होती है। उनके सम्बन्ध में यह बात आम पाई जाती है की उन्हें कई आपरेशनों अथवा शल्य -चिकित्सकों के हाथों से गुजरना पड़ता है।
घर -परिवार में भी उन्हें अनेक कठिनाइयों और संघर्षों का मुकाबला करना पड़ता है। यह संघर्ष उनके सम्बन्धियों अथवा उन रिश्तेदारों के कारण होता है जिन परिवारों में उसका विवाह होता है।
प्रेम -सम्बन्धी मामलों में ऐसे व्यक्ति सभी कुछ कर सकते हैं। 9 अंक वाले व्यक्ति स्त्रियों के जाल में फंसकर महान् मूर्ख सिद्ध होते हैं।
ऐसे व्यक्तियों को चाटुकारिता पसन्द होती है। यदि कोई दिन -रात इनकी प्रशंसा करता रहे तो ये बहुत प्रसन्न रहते हैं और कभी -कभी जोश में आकर दूसरे का भला भी कर बैठते हैं। यदि इनसे कोई काम निकलवाना है तो सबसे उत्तम उपाय है कि इनकी प्रशंसा की जाए जिससे ये खुश होकर जो चाहो कर देते हैं।
ऐसा नहीं है कि ये लोग आलसी होते हैं। यदि ये चाहें तो पर्वत को उखाड़ लें , किन्तु इनका मत है कि जब बिना हाथ पैर हिलाए कार्य होते रहें तो कार्य करने की क्या आवश्यकता है।
ऐसे व्यक्ति अच्छे साधन -सम्पन्न और संगठन के काम में बहुत प्रवीण होते हैं , परन्तु यदि वे अपने काम पर पूर्ण नियन्त्रण नहीं रख पाते तो निराश होकर एक ओर हट जाते हैं। उन्हें उन कामों के बिखर जाने की चिन्ता नहीं होती।
ये व्यक्ति अपने अधिकार माँगने या गिड़गिड़ाने में विश्वास नहीं करते बल्कि हाथ -बढ़ाकर छीन लेते हैं।
इन व्यक्तियों के विचार अपने ही जैसे लोगों से मिलते हैं और अपने गुणों से मिलते -जुलते एवं चाटुकार लोग इनके मित्र होते हैं।
मूलांक 9 व्यक्तियों के लिए 9 ,18 ,27 तिथियाँ बहुत शुभ रहती हैं तथा मंगलवार का दिन उत्तम रहता है।
इन व्यक्तियों का मेलजोल 3,6,9,12,15,18,21,24,27 और 30 तारीख को पैदा होने वाले व्यक्तियों से अधिक होता है ,क्योंकि इन सभी अंकों का 9 अंक वाले व्यक्तियों पर अनुकूल प्रभाव होता है।
अंक 9 के व्यक्तियों के लिए किरमिची , लाल अथवा गुलाब और गिलाबी रंग के सभी शेड शुभ माने जाते हैं।
अंक 9 वाले व्यक्तियों के लिए लाल , गारनेट और लाल रंग का रत्न सौभाग्यशाली सिद्ध होता है। यदि वे इनमें से किसी भी रत्न को धारण करेंगे तो उन्हें विशेष लाभ होगा।
सप्ताह के मंगलवार , बृहस्पतिवार और शुक्रवार उनके लिए बहुत महत्त्वपूर्ण दिन हैं। मंगलवार का तो उनके लिए विशेष महत्त्व है क्योंकि इसे मंगल का दिन माना जाता है।
9 अंक वाले व्यक्तियों को अपने लक्ष्य और योजनाओं की पूर्ती के लिए किसी भी माह की 9,18,27 आदि तारीखों को प्रयत्न प्रारम्भ करना चाहिए। यदि वे उक्त तारीखों में कार्य प्रारम्भ करेंगे तो उन्हें सफलता मिलेगी। यह समय 21 मार्च से 19 -26 अप्रैल तक और 21 अक्टूबर से 20 -27 नवम्बर तक होता है। यदि वे इन तारीखों को अपने अंक से सम्बन्धित दिन अथवा 3,6,12,15,21,24 और 30 तथा आपसी परिवर्तनशील दिनों में अपना कार्य प्रारम्भ करेंगे तो उन्हें अधिक सफलता प्राप्त होगी।
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