गुरुवार, 4 मई 2023

मूलांक 5

 मूलांक 5

यह अंक ज्योतिष का पाँचवा अंक है। इस अंक का स्वामी गृह बुध माना जाता है। 

जिन व्यक्तियों का जन्म किसी भी माह की 5 , 14 या 23 तारीख में हुआ हो वे इस मूलांक के प्रभाव में आते हैं।

अंक 5 का प्रतीक और स्वामीग्रह बुध है। इसका स्वभाव चंचल माना जाता है। 

अंक 5 वाले व्यक्ति वे माने जाते हैं जो किसी महीने की 5, 14 या 23 तारीख को पैदा हुए हों। परन्तु उनके चरित्र में विशिष्टता तब अधिक पैदा होती है यदि वे 5 के अंक के काल 21 मई से 20 से 27 जून तक अथवा 21 अगस्त से 20 से 27 सितम्बर तक की तारीखों में पैदा हुए हों।  

अंक 5 वाले व्यक्ति बड़ी सरलतापूर्वक किसी को भी अपना मित्र बना लेते हैं तथा अन्य सभी अंकों वाले व्यक्तियों से निर्वाह कर लेते हैं। परन्तु वे अपने ही अंक वाले व्यक्तियों को अधिक अनुकूल पाते हैं जिनका जन्म 5,14 ,23 तारीखों को होता है। 


अंक 5 वाले व्यक्ति मानसिक रूप से बहुत सजग होते हैं। हमेशा तनाव की स्थिति में बने रहते हैं। 

ऐसे व्यक्ति किसी बात पर शीघ्र ही विचार कर सकते हैं और निर्णय भी शीघ्र ही ले लेते हैं। वे कार्य के प्रति भी उतावले रहते हैं। परन्तु खोजबीन वाले किसी भी कार्य को अर्थात् ऐसे कार्य को जिसमें बहुत अधिक समय लगे पसन्द नहीं करते।  वे स्वभावतः जल्दी धन इकट्ठा करने के उपाय अपनाते हैं। उनमें नई बातों और खोज के द्वारा धन -सम्पत्ति पैदा करने की बुद्धि होती है ; कहा जाय तो पैदाइशी सट्टेबाज होते हैं। वे स्टॉक - एक्सचेंज के लेन -देन के काम से पूर्णतया परिचित होते हैं और उनमें व्यापार सम्बन्धी जोखिम उठाने की इच्छा भी प्रबल रहती है।

उनका चरित्र अनोखे प्रकार का व लचीला होता है। वे अपने पर किए गए किसी भी आक्रमण का बदला फौरन ही लेने का प्रयत्न करते हैं। उन पर किसी भी बात का बहुत अधिक देर तक प्रभाव नहीं रहता। वे अपने स्वामीग्रह बुध के समान ही पारे की तरह लचीले होते हैं। दुर्भाग्य बहुत अधिक देर तक उनके चरित्र को प्रभावित नहीं कर पाता। यदि इस अंक वाले व्यक्ति स्वभाव से अच्छे हों तो वे सदा अच्छे ही बने रहते हैं , और यदि वे स्वभाव से बुरे हो तो किसी भी प्रकार का सदुपदेश उनमें रत्ती -भर भी परिवर्तन नहीं ला सकता। 

बुध के प्रभाव के कारण ये व्यक्ति उदार हृदयी , शांत चित्त , दयालु एवं अत्यंत बुद्धिमान होते हैं।  इस मूलांक वाले व्यक्ति अपनी बुद्धि के बल पर जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं। इस मूलांक के स्वामी अनेक कलाओं के जानने वाले , ज्ञानी ,संगीत एवं नृत्य विद्याओं में पारंगत , आज्ञाकारी , दानी और धनवान होते हैं। 

इस प्रकार के व्यक्तियों का स्वभाव हँसमुख होता है। कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी ये गम्भीर नहीं होते , इनके मुख पर सदैव मुस्कान बनी रहती है। 

विनोदी स्वभाव का होने के कारण इन व्यक्तियों के मित्रों की संख्या बहुत अधिक रहती है। 

ऐसे व्यक्तियों में गज़ब की आकर्षण शक्ति रहती है। इन्हें चुम्बकीय व्यक्तित्व का स्वामी कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी। इन व्यक्तियों को क्रोध करते हुए नहीं देखा जा सकता , किन्तु जब इन्हें क्रोध आता है तो बहुत तीव्रता से आता है और ये क्रोध में कुछ भी कर बैठते हैं। 

अंक 5 वाले व्यक्तियों में एक विशेष कमी यह होती है कि वे इस हद तक अपनी स्नायविक शक्ति का उपयोग करते हैं कि प्रायः तनावपूर्ण स्थिति में पहुंच कर टूट जाते हैं। मानसिक तनाव की स्थिति में उन्हें क्रोध जल्दी आता है और वे जल्दी खीझने लगते हैं। फिर उनके लिए कोई भी बात सहन करना कठिन हो जाता है।  

मूलांक पाँच के स्वामी व्यक्ति बहुत भावुक होते हैं और किसी के भी दुख को देखते ही दुखी हो जाते हैं। सदैव दूसरों का हित सोचने वाले ये व्यक्ति स्वयं किसी को दुख नहीं पहुँचाते हैं। 

ऐसे व्यक्ति स्थिर विचारों वाले होते हैं और इन्हें इनके विचारों से कोई डिगा नहीं सकता। जो निर्णय एक बार कर लें उसे कोई नहीं बदल सकता। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अपनी प्रतिभा से उन्नति प्राप्त करने वाले ये व्यक्ति ऐश्वर्यपूर्ण जीवन जीते हैं। 


ये व्यक्ति सदैव दूसरों से भिन्न दृष्टिकोण अपनाकर चलते हैं। किसी की आलोचना पर ध्यान नहीं देते और अपने कार्य में लगे रहते हैं। इन व्यक्तियों के लिए 5,14 एवं 23 तारीखें शुभ होती हैं तथा बुधवार का दिन उत्तम रहता है। 

अंक 5 वाले व्यक्तियों को अपने अंक के अनुसार किसी भी महीने की 5, 14 या 23 तारीख और विशेष रूप से 21 मई से 20-27 जून अथवा 21 अगस्त से 20-27 सितम्बर तक के समय में उक्त तारीखों में अपने कार्य करने का प्रयत्न करना चाहिए। 

बुधवार और शुक्रवार इनके लिए अनुकूल दिन हैं। यदि उनकी अनुकूल तारीखें इन दिनों में पड़ती हो तो वे दिन उनके लिए अधिक लाभदायक सिद्ध होते हैं। 

उनके लिए हल्के भूरे , सफेद और चमकदार रंग और वस्तुएं शुभ मानी जाती हैं। वे जिस प्रकार सभी अंक वाले व्यक्तियों से मैत्री कर सकते हैं , उसी प्रकार सभी रंगों के कपड़े भी पहन सकते हैं , परन्तु अधिक लाभदायक उनके लिए हल्के रंग के वस्त्र हैं। जहां तक सम्भव हो सके उन्हें अधिक गहरे रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए। 

उनके लिए हीरा शुभ रत्न है। उन्हें ऐसी चीजों के आभूषण धारण करने चाहिएं जिनमें प्लेटिनम अथवा चांदी आदि धातुएं आती हैं। उन्हें प्लेटिनम में जड़ा हुआ हीरा धारण करना चाहिए। 

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