मूलांक 4
मूलांक चार अंक ज्योतिष का चौथा अंक है। इस मूलांक का स्वामी गृह हर्शल है।
अंक 4 का प्रतीक और स्वामीग्रह यूरेनस है। ऐसा समझा जाता है कि इसका सम्बन्ध अंक 1 और तन्त्र -विद्या में अंक 4 से माना जाए। तन्त्र -विद्या में इसे 4-1 लिखा जाता है।
जिन व्यक्तियों का जन्म 4 ,13,22 व 31 तिथियों में हुआ है वे व्यक्ति मूलांक चार के प्रभाव में आते हैं।
अंक 4 वाले व्यक्ति वही होते हैं जो किसी महीने की 4 ,13,22 अथवा 31 तारीख को उत्पन्न हुए हैं। उनके व्यक्तित्व का विकास उस समय और भी अधिक होता है जब वे सूर्य और चन्द्रमा के राशिकाल अर्थात् 21 जून से 20 से 27 जुलाई तक जिसे चन्द्रमा का काल कहा जाता है और 21 जुलाई से अगस्त की समाप्ति तक जिसे सूर्य का काल कहा जाता है , में उत्पन्न हुए हों।
अंक 4 के व्यक्तियों को सरलतापूर्वक मित्र नहीं बनाया जा सकता। वे 1,2,7 और 8 अंक वाले व्यक्तियों की ओर अधिक आकर्षित दिखाई देते हैं।
मूलांक चार के स्वामी अत्यंत तीव्र बुद्धि वाले , साहसी एवं महत्त्वाकांक्षी होते हैं साहस तो इनमें कूट -कूट कर भरा होता है।
अंक 4 वाले व्यक्तियों का स्वभाव अपने -आप में अन्य व्यक्तियों से विशिष्ट होता है। वे सभी चीजों को दूसरे व्यक्तियों के विपरीत दृष्टिकोण से देखते हैं। वाद -विवाद में वे हमेशा विपक्ष का अनुमोदन करते हैं। इसका यह अर्थ नहीं कि वे झगड़ालू प्रवृत्ति के होते हैं , परन्तु विपक्ष में रहने के कारण गुप्त रूप से अनेक व्यक्ति उनके विरोधी बन जाते हैं और नियमित रूप से उनके विरुद्ध कार्य करते रहते हैं।
उनके सामने जब भी कोई बात रखी जाती है तो अपने स्वाभाविक रूप से वे उसे विभिन्न दृष्टिकोण से भी देखते हैं। वे परम्परागत नियमों के विरुद्ध होते हैं। यदि उनका बस चले तो सरकार अथवा समाज में चले आ रहे नियमों को बदल दें। वे सांवैधानिक सत्ता के प्रतीक रूप में विद्रोही होते हैं और जनता के सामान्य जीवन अथवा घरेलू स्थितियों के अधीन नियमों को बदलना चाहते हैं। वे समाज से सम्बन्धित प्रश्नों के प्रति सुधारवादी दृष्टिकोण रखते हैं। अपने विचारों और सिद्धान्तों में परम्परावादी नहीं होते।
सांसारिक और भौतिक मामलों में अन्य अंकों वाले व्यक्तियों के समान वे प्रायः सफल नहीं होते। वे धन की ओर से भी प्रायः विमुख होते हैं और उसे इकट्ठा करने में रुचि नहीं लेते। यदि उनके पास धन इकट्ठा हो भी जाय अथवा उन्हें कोई व्यक्ति धन दे भी दे , तो भी वे इस प्रकार खर्च करते हैं जिससे दूसरे व्यक्तियों को आश्चर्य होता है।
अंक 4 वाले व्यक्तियों का मुख्य दोष यह होता है कि वे बहुत भावुक होते हैं। बड़ी जल्दी बुरा मान जाते हैं। अकेला रहना पसंद करते हैं और अपने कार्य की सिद्धि न होने तक वे विद्रोही समझे जाते हैं। वस्तुतः उनके मित्र बहुत कम होते हैं। जो थोड़े -से मित्र उनके होते भी हैं , वे उनके प्रति बहुत ही समर्पित माने जा सकते हैं , परन्तु उनके ध्येय के सम्बन्ध में कोई विवाद छिड़ने पर वे उनसे सहमति प्रकट करने में असमर्थ रहते हैं।
इन व्यक्तियों के जीवन में उतार -चढ़ाव आते रहते हैं। जीवन कदम -कदम पर उलझनों और परेशानियों से घिरा रहता है। कभी तो इन व्यक्तियों को सफलता प्राप्त होती है और ये बहुत प्रगति करते हैं किन्तु ऊँचाई पर चढ़ते ही ये अचानक नीचे आ जाते हैं अर्थात् जहाँ से ऊपर चढ़े होंगे वहीं पर आ जाएंगे।
इनका साहसी होना भी इनका प्रमुख गुण है और इसी गुण के कारण ये अपने जीवन से कभी निराश नहीं होते और अनेक रुकावटों और उलझनों के चलते भी कभी हार नहीं मानते और परेशानियों का सामना डटकर करते हैं।
इस मूलांक वाले व्यक्तियों में एक अवगुण यह होता है कि ये किसी की सलाह नहीं मानते और न ही किसी कार्य को करने से पहले किसी से विचार -विमर्श करते हैं यदि कोई इन्हें टोक दे तो ये शीघ्र ही क्रोधित हो जाते हैं और क्रोध में आकर बने -बनाए कार्य को बिगाड़ बैठते हैं और अपनी बनी -बनाई योजनाओं को अपने चिड़चिड़े स्वभाव के कारण नष्ट कर देते हैं।
इन लोगों के तुनक मिजाज होने के कारण लोग प्रायः इनसे दूर भागते हैं। इनके मित्रों की संख्या इसी कारण बहुत कम रहती है।
ये व्यक्ति बहुत चतुर होते हैं। अपने गुप्त रहस्यों और विचारों को किसी पर प्रकट नहीं करते चाहे वह इनका घनिष्ठ मित्र ही क्यों न हो किन्तु वाकपटु होने के कारण दूसरों के रहस्यों को जान लेते हैं।
शत्रुओं से ये व्यक्ति सदैव घिरे रहते हैं किन्तु वे पीठ पीछे ही रहते हैं सामने आकर कभी आक्रमण नहीं करते। अतः उनसे डरने की भी वजह नहीं होती।
इन व्यक्तियों के लिए 4, 13,22 तथा 31 तारीखें शुभ होती हैं तथा शनिवार का दिन उत्तम रहता है।
इन व्यक्तियों के लिए 4, 13,22 तथा 31 तारीखें शुभ होती हैं तथा शनिवार का दिन उत्तम रहता है।
अंक 4 वाले व्यक्तियों को किसी महीने की 4,13,22 या 31 तारीखों को अपने विचार और योजनाओं को लागू करने का प्रयत्न करना चाहिए। यदि वे 21 जून से 20 से 27 जुलाई तक और 22 जुलाई से अगस्त के अन्त तक आने वाली उक्त तारीखों पर कोई कार्य करते हैं तो उन्हें सफलता मिलने की सम्भावना तब अधिक रहती है।
इन व्यक्तियों के लिए सप्ताह के शनिवार , रविवार और सोमवार विशेष अनुकूल होते हैं और यदि ये वार 4, 13,22 व 31 और आपस में सम्बन्ध रखने वाले 1, 2, 7, 10, 11, 16, 18, 20, 25, 28 और 29 तारीखों को पड़ते हों तो और भी अनुकूल होते हैं।
हल्के रंग प्रायः उनके अनुकूल होते हैं। नीली लौ की आभा वाले और भूरे रंग भी उनके अनुकूल होते हैं।
उनके लिए हल्के अथवा गाढ़े रंग का नीलम सौभाग्यशाली समझा जाता है।
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