शनिवार, 6 मई 2023

मूलांक 1

मूलांक 1 

1 ,10,19 एवं 28 तिथियों में जन्म लेने वाले व्यक्तियों का मूलांक 1 होता है। 

अंक 1 कि सभी बातें 1,10,19 व 28 तारीखों में जन्म लेने वाले व्यक्तियों पर लागू होती हैं। विशेष रूप से ये बातें 21 जुलाई से 28 अगस्त तक पैदा होने वाले व्यक्ति पर विशेष रूप से लागू होती हैं। इस राशिचक्र का स्वामी सूर्य कहा जाता है। बसंतकालीन विशुव काल में 21 मार्च से 28 अप्रैल तक जब सूर्य का प्रवेश होता है , उस काल में पैदा हुए व्यक्ति में ये प्रभाव विशेष रूप से प्रबल होते हैं। 


मूलांक एक का स्वामी सूर्य है इसलिए इस मूलांक वाले व्यक्ति पर सूर्य का प्रभाव अधिक होता है। इस मूलांक वाला व्यक्ति सूर्य के ही समान ओजस्वी , शक्तिशाली एवं प्रभावशाली होता है। 

अंक 1 सूर्य का प्रतीक है। यह सब अंकों का आधार है। यही जीवन का आधार है। शेष अंक इसी से उत्पन्न होते हैं। यह अंक मौलिकता और व्यक्ति की धनात्मक क्रियाओं का प्रतीक है। जिस व्यक्ति का जन्म -अंक 1 अथवा उनकी श्रंखला में होता है उसके प्रत्येक कार्य में मुख्य रूप से मौलिकता होती है। उसकी प्रवृत्ति सदा ही कुछ न कुछ खोज करने की होती है। प्रमुख रूप से तथा अपने -आप में लीन रहने वाला , अपने विचारों में दृढ़ और हठी तथा दृढ़ निश्चय वाला होता है। 

1 अंक वाले व्यक्ति अत्यधिक महत्त्वाकांक्षी होते हैं। वे अपने किसी भी कार्य में बाधाएं पसन्द नहीं करते। ऐसे व्यक्ति किसी भी व्यवसाय अथवा कार्य में हों उनकी इच्छा सदैव उसमें प्रमुखता प्राप्त करने की होती है। वे अपने व्यापार में सबके मुखिया बनना चाहते हैं और अपने विभागों के अग्रणी। वे चाहते हैं कि उनका आदर किया जाय और उनके अधीन व्यक्ति उनके आश्रित रहें। 

इस अंक के स्वामी अत्यंत गुणवान ,साहसी तथा कठिन परिश्रम करने वाले तथा स्वाभिमानी होते हैं। इन व्यक्तियों में स्वाभिमान की भावना कूट -कूट कर भरी होती है। ये व्यक्ति किसी का अहसान लेना पसंद नहीं करते चाहे कितनी भी परेशानी क्यों ही ना आए। 

ऐसे व्यक्ति किसी से भी ईर्ष्या नहीं करते और व्यर्थ दूसरों की आलोचना में अपना वक्त बर्बाद नहीं करते और न ही ये दूसरों द्वारा स्वयं की आलोचना को सहन करते हैं। ये व्यक्ति कभी किसी की गुलामी नहीं कर'सकते'और किसी के दवाब में आकर कार्य करना इन्हें पसंद नहीं होता इसलिये ये व्यक्ति अपने स्वयं के व्यवसाय द्वारा ही धनोपार्जन करते हैं। 

इस मूलांक वाले व्यक्ति आत्मनिर्भर होते हैं और अपने बलबूते पर ही जीवन में उन्नति करते हैं। अथक परिश्रम करना भी इनका सबसे प्रमुख गुण है। 

ये लोग अंधविश्वास को नहीं मानते , पुरानी परम्पराओं और विचारों को ये नहीं मानते , सदैव वह करते हैं जो इनका मन कहता है। किसी के कहने में ये नहीं करते। 

ऐसे व्यक्ति दृढ़ निश्चयी होते हैं जो एक बार ठान लेते हैं उसे पूरा करके ही दम लेते हैं जिस कार्य को करने की ठान लेते हैं उसे पूरा किए बिना किसी और कार्य में हाथ नहीं डालते। 

व्यर्थ में ही दिखावट में विश्वास नहीं करते और सदैव यथार्थ से प्रेरणा लेकर चलते हैं। ऐसे व्यक्ति सदैव दूसरों की सहायता करने को तत्पर होते हैं इसी कारण इन व्यक्तियों के अनेकों मित्र होते हैं किन्तु इन्हें मित्रों का सहयोग नहीं मिल पाता। 

इन व्यक्तियों की इच्छा शक्ति वृहत होती है इसका कारण इन पर सूर्य का प्रभाव होना होता है। इसी कारण एक बार जो निर्णय ले लेते हैं फिर किसी भी कीमत पर इनके निर्णय को बदल पाना असम्भव होता है। 

निराशा और अवसाद को जैसे ये जानते ही नहीं। हर स्थिति के अनुरूप स्वयं को ढालना कोई इनसे सीखे। दुख -सुख में ये कभी संतुलन नहीं खोते और कभी निराश नहीं होते। 

इन व्यक्तियों को समझ पाना अत्यंत कठिन होता है। इनके मन की थाह पाना बहुत मुश्किल है। अपने रहस्य ये कभी किसी पर प्रकट नहीं करते , कब, क्या कर दें ये जान पाना असम्भव होता है। 

प्रायः ये व्यक्ति उदार -प्रवृत्ति के होते हैं और किसी से बैर नहीं रखते किन्तु यदि इनके मन के अनुरूप कार्य न किया जाए तो ये क्रोधित भी शीघ्र हो जाते हैं। 

इस मूलांक वाले व्यक्ति कला और सौन्दर्य से प्रेम करने वाले होते  हैं, प्रकृति से इन्हें विशेष लगाव होता है और कलात्मक वस्तुओं को खरीदना एवं संग्रह करना इनका शौक होता है। कठिन परिस्थितियों से हार न मानने वाले ये व्यक्ति सदैव प्रसन्न रहते हैं। इस मूलांक वाले व्यक्तियों के लिए रविवार का दिन व 1 ,10,19 एवं 28 तिथियाँ विशेष रूप से शुभ होती हैं अतः जो भी कार्य शुरू करें ,वो इन तिथियों में शुरू करें। इससे विशेष लाभ होगा और सफलता प्राप्त होगी। 


अंक 1 वाले व्यक्तियों को अपने सभी महत्त्वपूर्ण कार्य उन्हीं दिनों में करने चाहिए जो उनके अपने अंक से प्रभावित होते हैं , जैसे 1 ,10 ,19 और 28 तारीखें। 

उन्हें विशेष रूप से 21 जुलाई से 28 अगस्त तथा 21 मार्च से 28 अप्रैल तक के समय में उक्त तारीखों को अपने कार्य करने चाहिएं। अपने अंक के अतिरिक्त अंक 1 वाले व्यक्तियों के 2 , 4 व 7 अर्थात् 11,13,16,20,22,23,25 और 31 तारीखों में उत्पन्न व्यक्तियों से अच्छे सम्बन्ध हो सकते हैं और इन तारीखों में जन्मे व्यक्तियों से उनकी अच्छी निभ सकती है। 

1 अंक वाले व्यक्तियों के लिए सप्ताह के रविवार और सोमवार विशेष रूप से शुभ होते हैं। यदि ये दिन 1 ,10,19 और 28 तारीखों में हो अथवा 2,4,7,11,13,16,20,22,25,29 या 31 को पड़ते हो तो अधिक शुभ होते हैं। 

1 अंक वाले व्यक्तियों के लिए सोने की आभा वाले रंगों के साथ पीले और सुनहरे भूरे तथा ताम्बे के रंग शुभ होते हैं। 
इन व्यक्तियों के लिए टोपाज अर्थात् पुखराज , कहरवा , पीला हीरा और इन रंगों के सभी जवाहरात भाग्यप्रद माने जाते हैं। 

यदि संभव हो सके तो इन लोगों को अंगूठी आदि के रूप में कहरवा अपने अंग पर धारण करना चाहिए। 
 

मूलांक 2

मूलांक 2 

जिन व्यक्तियों का जन्म 2 ,11 ,20 एवं 29 तारीख को होता है उनका मूलांक दो होता है। 

अंक 2 वाले व्यक्ति वे होते हैं जिनका जन्म किसी महीने की 2 , 11 ,20 अथवा 29 तारीख को हुआ हो , परन्तु उनके गुणों या स्वभाव की विशिष्टता तभी मुख्यतया प्रकट होती है जब वे 20 जून से 27 जुलाई तक चन्द्रमा के काल में पैदा हुए हों। इस काल में 20 जुलाई तक के दिन प्रमुख माने जाते हैं। 

अंक 2 के व्यक्ति 1 अंक वाले व्यक्तियों से प्रायः सम्पर्क रखते है परन्तु अंक 7 वाले व्यक्तियों से , जिनका जन्म 7 ,16 या किसी महीने की 25 तारीख को हुआ हो , उनका सम्बन्ध अपेक्षाकृत कम होता है। 

मूलांक दो का स्वामी गृह चन्द्र है। अतः मूलांक दो वाले व्यक्ति चन्द्रमा के प्रभाव में आते हैं ये व्यक्ति शांतिप्रिय और धैर्यवान होते हैं , ये व्यक्ति अत्यंत भावुक होते हैं और इसी कारण से लड़ाई -झगड़ों से सदैव दूर रहते हैं। 

अंक 2 का प्रतीक अथवा स्वामीग्रह चन्द्रमा है। यह सूर्य से सम्बन्धित है तथा कोमल स्वभाव का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए अंक 1 और 2 निश्चित रूप से स्वभाव में एक -दूसरे से विपरीत होते हैं , परन्तु उनका प्रभाव एक-दूसरे के अनुकूल होता है। इसलिए ये दोनों अंक परस्पर अच्छे सहयोगी हो सकते हैं। 

अंक 2 के व्यक्ति स्वभाव से सहृदय , कल्पनाशील , कलापूर्ण और रोमांटिक स्वभाव के होते हैं। अंक 1 वाले व्यक्तियों की तरह वे भी नई खोज करने वाले होते हैं , परन्तु अपने विचारों को दृढ़ होकर कार्य रूप में परिवर्तित नहीं कर सकते। उनके गुण शारीरिक क्षेत्र की बजाय मानसिक रूप से अधिक प्रभावित होते हैं। वे अंक 1 से सम्बन्धित व्यक्तियों की तरह शरीर से दृढ़ नहीं होते , प्रायः शरीर से निर्बल ही होते हैं। 

शान्तिप्रिय होने के कारण ये व्यक्ति अत्यंत उदार हृदय वाले होते हैं दूसरों की भलाई के लिए ये प्रत्येक समय तैयार रहते हैं। परोपकारिता इनका एक प्रमुख गुण होता है। किसी का दुख -दर्द इनसे सहन नहीं होता है और ये हर प्रकार से दूसरों का दुख दूर करने में लग जाते हैं। 

इस मूलांक वाले व्यक्ति मानसिक रूप से अत्यंत प्रबल एवं शक्तिशाली होते हैं परन्तु शरीर से दुर्बल होते हैं किन्तु बातों और चतुराई में इनसे कोई नहीं जीत सकता।

अंक 2 के व्यक्तियों को बेचैन अथवा अस्थिर -चित्त होने से बचना चाहिए। उन्हें अपनी योजनाओं और विचारों में नियमित निरन्तरता बनाये रखना चाहिए तथा विश्वास की कमी से सदा ही बचना चाहिए। इनका रुझान अनुदार माना जाता है। यदि उनके आस-पास का वातावरण प्रसन्नतापूर्ण न हो तो वे बड़ी जल्दी बेचैन हो उठते हैं और उनके विचार अव्यवस्थित हो जाते हैं।  

अनेक गुणों के होने पर भी इनमें कुछ अवगुण होते हैं जो इनके मार्ग में बाधक हो जाते हैं। ये व्यक्ति शीघ्र ही किसी पर विश्वास नहीं कर पाते और घनिष्ठ से घनिष्ठ मित्र को भी ये शंका की दृष्टि से देखते हैं। 

इस प्रकार के व्यक्ति सदैव न्याय का पक्ष लेते हैं अन्याय को ये किसी स्थिति में सहन नहीं कर पाते चाहे अन्याय करने वाला इनका प्रियजन ही क्यों न हो। इनकी इसी विशेषता के कारण ही लोग इनकी आलोचना करते हैं। इस पर ध्यान न देने पर भी कभी -कभी ये दुखी हो जाते हैं किन्तु अपना मार्ग नहीं बदलते। 

इस मूलांक वाले व्यक्ति हृदय के उदार होते हैं इसलिए ये किसी से बैर भाव नहीं रखते। भले ही कोई इन्हें धोखा दे या इन्हें भला -बुरा कहे तो भी ये बदले की भावना मन में नहीं लाते और अपने दुश्मनों को भी क्षमा कर देते हैं। 

ये व्यक्ति श्रद्धावान होते हैं अपने से बड़ों का सम्मान करते हैं तथा स्त्रियों को सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। 

इस मूलांक वाले व्यक्ति कभी निराश नहीं होते। कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी ये धैर्य नहीं खोते। परेशानियों से ये घबराते नहीं हैं और अपने निर्णय पर अडिग रहने वाले होते हैं। मूलांक दो वाले व्यक्तियों के लिए 2,11,20 एवं 29 तिथियाँ अत्यंत शुभ होती हैं। सोमवार का दिन विशेष शुभकारी है। कोई भी मांगलिक अथवा महत्त्वपूर्ण कार्य इस दिन करना लाभकारी रहता है। 

अंक 2 के व्यक्तियों को 2,11,20,29 आदि तारीखों में ही अपनी योजनाओं को कार्यान्वित करने का यत्न करना चाहिए , क्योंकि ये तारीखें उनके अंक के प्रभाव के अधीन होती हैं। परन्तु यदि वे 20 जून से 27 जुलाई तक के काल में कोई कार्य करेंगे तो विशेष रूप से अधिक सफलता की सम्भावना रहती है।

सप्ताह के रविवार , सोमवार और शुक्रवार उनके लिए सौभाग्यशाली होते हैं। शुक्रवार शुक्र ग्रह से प्रभावित होने के कारण उनके लिए उपयुक्त होता है। इसके अतिरिक्त 1 अंक वाले व्यक्तियों की तरह ही यदि उनका अपना अंक 2 इन दिनों 2,11,20 और 29 में पड़ता हो तो और भी उपयोगी होता है। इसके अतिरिक्त 1, 4, 7, 10, 13, 16, 19, 22, 25, 28, 31 तारीखें , जिनका उक्त अंकों से आपसी सम्बन्ध होता है , इनके अनुकूल होती हैं। 

अंक 2 के व्यक्तियों के लिए गहरे अथवा हल्के रंग सौभाग्यशाली कहे जाते हैं। सफेद और क्रीम कलर भी उनके लिए उपयुक्त रहते हैं , परन्तु उन्हें काले और अधिक गाढ़े लाल तथा बैंगनी रंग से बचना चाहिए। 

अंक 2 के व्यक्तियों को मोती या हरे व पीले रंग के नग पहनने चाहिएं। यदि सम्भव हो सके तो संगेयशब नामक नग अपने शरीर पर धारण करना चाहिए। 

शुक्रवार, 5 मई 2023

मूलांक 3

 मूलांक 3

मूलांक तीन का स्वामी गृह गुरु है। गुरु का प्रभाव होने के कारण मूलांक तीन वाले व्यक्तियों में दृढ़ इच्छाशक्ति का अभाव होता है जिन व्यक्तियों का जन्म 3 , 12 , 21 एवं 30 को हुआ है वे मूलांक तीन के प्रभाव में आता है तथा ये व्यक्ति अपनी इच्छाओं , आकांक्षाओं को किसी प्रकार प्रकट नहीं कर पाता है। 

अंक 3 का प्रतीक अथवा स्वामीग्रह बृहस्पति है। बृहस्पति को ज्योतिषशास्त्र तथा अंक विद्या में बहुत महत्त्वपूर्ण माना जाता है। इस अंक का सम्बन्ध 3 से लेकर 9 के अंक तक है। 

3 के अंक का सम्बन्ध इस श्रंखला में योग के अनुरूप अपने तीसरे अंक 3, 6 और 9 से रहता है।  इन अंकों को जिधर से भी जोड़ा जाए इनसे 9 का अंक प्राप्त होता है। 3, 6 व 9 अंक वाले व्यक्तियों में आपसी सम्बन्ध रह सकता है। ये एक -दूसरे के प्रति सहानुभूति रखने वाले होते हैं। 

अंक 3 वाले व्यक्ति वही माने जाते हैं जिनका जन्म किसी मास की 3, 12, 21 या 30 तारीख को हुआ हो। परन्तु यदि वे 3 के अंक वाले समय में 19 फरवरी से लेकर 20 से 27 मार्च तक उत्पन्न हुए हों तो 3 के अंक का महत्त्व और भी बढ़ जाता है ,इसके अतिरिक्त 21 नवम्बर से 20 से 27 दिसम्बर तक का समय भी 3 के अंक का ही माना जाता है , अर्थात् इस काल में उत्पन्न होने वाले व्यक्तियों के लिए 3 के अंक का महत्त्व बढ़ जाता है। 


इस प्रकार के व्यक्ति अत्यंत तेजस्वी सरल हृदयी एवं उच्चकोटि के विद्वानों की श्रेणी में आते हैं। 

यदि आपका मूलांक तीन है तो आप बहुत महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति हैं और अपने इसी गुण के कारण आप जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में प्रगति हासिल करते हैं। 

अंक 3 वाले व्यक्ति अंक 1 वाले व्यक्तियों के समान ही विशिष्ट व्यक्तित्व वाले और महत्त्वाकांक्षी होते हैं। वे किसी के अधीन रहकर काम करना पसन्द नहीं करते। उनका ध्येय उन्नति करना और दूसरों को अपने नियन्त्रण में अथवा अधिकार में रखना होता है। वे नियन्त्रण रखने के मामले में बहुत तल्लीन रहते हैं। ऐसे व्यक्ति प्रत्येक मामले में नियन्त्रण और व्यवस्थाप्रिय होते हैं। वे स्वयं इच्छापूर्वक आदेश का पालन करते हैं , परन्तु इस बात के लिए भी प्रयत्नशील रहते हैं कि उनके आदेश का पालन किया जाये। 

अंक 3 वाले व्यक्ति किसी भी व्यापार , क्षेत्र अथवा स्थिति में हों , अवश्य ही ऊंची स्थिति में पहुंचते हैं। वे सेना , नौसेना और सरकार में सामान्यतया अपने पद पर विशिस्ट माने जाते हैं क्योंकि वे अपना कर्त्तव्य तथा सौंपा गया कार्य बड़े उत्तरदायित्वपूर्ण ढंग से निभाते हैं। इसीलिए उन्हें विश्वास के योग्य पदों पर रखा जाता है, अर्थात् विश्वासयोग्य पदों के लिए वे सर्वथा उपयुक्त होते हैं। 

ऐसे व्यक्तियों में एक कमी भी होती है , वे अपने द्वारा बनाए गए नियमों की पूर्ती के लिए एक डिक्टेटर के समान व्यवहार करते हैं।  हालांकि वे लड़ाई -झगड़ा पसंद नहीं करते , परन्तु अपने स्वभाव के कारण अनेक व्यक्ति उनके विरोधी बन जाते हैं। 

अंक 3 वाले व्यक्ति स्वाभिमानी होते हैं और दूसरों का एहसान अपने पर नहीं लेना चाहते। वे हमेशा स्वतन्त्र रहना चाहते हैं , कोई बन्धन पसन्द नहीं करते। 

आप प्रत्येक कार्य में अनुशासन प्रिय हैं ,आप स्वयं भी अपने निजी जीवन में अनुशासन से बंधे हैं। जो व्यक्ति अनुशासनहीन होते हैं उनसे आपकी नहीं बनती और इसी कारण आप प्रत्येक क्षेत्र में अपने दुश्मन पैदा कर लेते हैं। 

मूलांक तीन के स्वामी व्यक्ति स्वभाव से अत्तयंत सरल हृदयी होते हैं तथा अपने सम्पर्क में आए व्यक्तियों पर सदैव अपने स्वभाव की छाप छोड़ते हैं। जो व्यक्ति इनके सम्पर्क में आता है वही इनका मित्र बन जाता है। 

अत्यधिक परिश्रम करने के कारण ये व्यक्ति प्रायः मानसिक तनावों से घिरे रहते हैं और इसी कारण इन्हें पक्षाघात व दिल का दौरा पड़ने का खतरा बना रहता है। 

ऐसे व्यक्ति स्वभाव से दार्शनिकों जैसे होते हैं , ये तर्कशील होते हैं और अपने तर्कों से सामने वाले व्यक्ति को झुका भी देते हैं। 

इतने सारे गुणों के होते हुए भी ऐसे व्यक्ति प्रत्येक कदम फूंक -फूंक कर रखते हैं और सहज ही किसी पर विश्वास नहीं करते। 


इन व्यक्तियों के लिए गुरुवार का दिन शुभ होता है। 3,12, 21 एवं 30 तिथियाँ इनके लिए बहुत शुभकारी होती हैं। 

इन व्यक्तियों का तीसवां वर्ष इनके लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण होता है और यही इनके भाग्योदय का वर्ष भी हो सकता है। 

मूलांक तीन वाले व्यक्तियों के लिए 3, 12, 21 एवं 30 तथा गुरुवार का दिन अत्यंत शुभफलदायी होता है। 

अंक 3 वाले व्यक्तियों को 3,12,21 और 30 तारीख में और विशेष रूप से यदि ये तारीखें 3 अंक के समय अर्थात् 19 फरवरी से 20 से 27 मार्च तक और 21 मई तक हों या 20 से 27 दिसम्बर में पड़ती हों , अपनी योजना को कार्यरूप देने का प्रयत्न करना चाहिए। 

बृहस्पतिवार , शुक्रवार और मंगलवार इनके लिए शुभ माने जाते हैं। इनमें बृहस्पतिवार अधिक महत्त्वपूर्ण होता है।  यदि ये दिन ऊपर बताई गई तारीखों को पड़ते हों  तो विशेष रूप से शुभ होते हैं , परन्तु 9, 6, 15, 18, 24 और 27 तारीखें भी उनके लिए ठीक ही रहती हैं। 

अंक 3 वाले व्यक्ति 6 और 9 अंक वाले व्यक्तियों के भी अनुकूल होते हैं। 

उनके लिए अनुकूल रंग गाढ़ा लाल , बैंगनी अथवा इनसे मिलता -जुलता रंग हो सकता है। वे जिस कमरे में रहते हैं उसका रंग भी इन्हीं से मेल खाना चाहिए। नीला , किरमिची और गुलाबी रंग भी इनके अनुकूल होते हैं , परन्तु इनका स्थान द्वितीय स्तर का होता है। 

इनके लिए जम्बुमणि (अमेथिस्ट ) अनुकूल नग माना जाता है। सम्भव हो सके तो उन्हें यह नग धारण करना चाहिए। 

मूलांक 4

 मूलांक 4

मूलांक चार अंक ज्योतिष का चौथा अंक है। इस मूलांक का स्वामी गृह हर्शल है। 

अंक 4 का प्रतीक और स्वामीग्रह यूरेनस है। ऐसा समझा जाता है कि इसका सम्बन्ध अंक 1 और तन्त्र -विद्या में अंक 4 से माना जाए। तन्त्र -विद्या में इसे 4-1 लिखा जाता है। 

जिन व्यक्तियों का जन्म 4 ,13,22 व 31 तिथियों में हुआ है वे व्यक्ति मूलांक चार के प्रभाव में आते हैं। 

अंक 4 वाले व्यक्ति वही होते हैं जो किसी महीने की 4 ,13,22 अथवा 31 तारीख को उत्पन्न हुए हैं। उनके व्यक्तित्व का विकास उस समय और भी अधिक होता है जब वे सूर्य और चन्द्रमा के राशिकाल अर्थात् 21 जून से 20 से 27 जुलाई तक जिसे चन्द्रमा का काल कहा जाता है और 21 जुलाई से अगस्त की समाप्ति तक जिसे सूर्य का काल कहा जाता है , में उत्पन्न हुए हों। 

अंक 4 के व्यक्तियों को सरलतापूर्वक मित्र नहीं बनाया जा सकता। वे 1,2,7 और 8 अंक वाले व्यक्तियों की ओर अधिक आकर्षित दिखाई देते हैं। 


मूलांक चार के स्वामी अत्यंत तीव्र बुद्धि वाले , साहसी एवं महत्त्वाकांक्षी होते हैं साहस तो इनमें कूट -कूट कर भरा होता है। 

अंक 4 वाले व्यक्तियों का स्वभाव अपने -आप में अन्य व्यक्तियों से विशिष्ट होता है। वे सभी चीजों को दूसरे व्यक्तियों के विपरीत दृष्टिकोण से देखते हैं। वाद -विवाद में वे हमेशा विपक्ष का अनुमोदन करते हैं। इसका यह अर्थ नहीं कि वे झगड़ालू प्रवृत्ति के होते हैं , परन्तु विपक्ष में रहने के कारण गुप्त रूप से अनेक व्यक्ति उनके विरोधी बन जाते हैं और नियमित रूप से उनके विरुद्ध कार्य करते रहते हैं। 

उनके सामने जब भी कोई बात रखी जाती है तो अपने स्वाभाविक रूप से वे उसे विभिन्न दृष्टिकोण से भी देखते हैं। वे परम्परागत नियमों के विरुद्ध होते हैं। यदि उनका बस चले तो सरकार अथवा समाज में चले आ रहे नियमों को बदल दें। वे सांवैधानिक सत्ता के प्रतीक रूप में विद्रोही होते हैं और जनता के सामान्य जीवन अथवा घरेलू स्थितियों के अधीन नियमों को बदलना चाहते हैं। वे समाज से सम्बन्धित प्रश्नों के प्रति सुधारवादी दृष्टिकोण रखते हैं। अपने विचारों और सिद्धान्तों में परम्परावादी नहीं होते। 

सांसारिक और भौतिक मामलों में अन्य अंकों वाले व्यक्तियों के समान वे प्रायः सफल नहीं होते। वे धन की ओर से भी प्रायः विमुख होते हैं और उसे इकट्ठा करने में रुचि नहीं लेते। यदि उनके पास धन इकट्ठा हो भी जाय अथवा उन्हें कोई व्यक्ति धन दे भी दे , तो भी वे इस प्रकार खर्च करते हैं जिससे दूसरे व्यक्तियों को आश्चर्य होता है। 

अंक 4 वाले व्यक्तियों का मुख्य दोष यह होता है कि वे बहुत भावुक होते हैं। बड़ी जल्दी बुरा मान जाते हैं। अकेला रहना पसंद करते हैं और अपने कार्य की सिद्धि न होने तक वे विद्रोही समझे जाते हैं। वस्तुतः उनके मित्र बहुत कम होते हैं। जो थोड़े -से मित्र उनके होते भी हैं , वे उनके प्रति बहुत ही समर्पित माने जा सकते हैं , परन्तु उनके ध्येय के सम्बन्ध में कोई विवाद छिड़ने पर वे उनसे सहमति प्रकट करने में असमर्थ रहते हैं। 

इन व्यक्तियों के जीवन में उतार -चढ़ाव आते रहते हैं। जीवन कदम -कदम पर उलझनों और परेशानियों से घिरा रहता है। कभी तो इन व्यक्तियों को सफलता प्राप्त होती है और ये बहुत प्रगति करते हैं किन्तु ऊँचाई पर चढ़ते ही ये अचानक नीचे आ जाते हैं अर्थात् जहाँ से ऊपर चढ़े होंगे वहीं पर आ जाएंगे। 

इनका साहसी होना भी इनका प्रमुख गुण है और इसी गुण के कारण ये अपने जीवन से कभी निराश नहीं होते और अनेक रुकावटों और उलझनों के चलते भी कभी हार नहीं मानते और परेशानियों का सामना डटकर करते हैं। 

इस मूलांक वाले व्यक्तियों में एक अवगुण यह होता है कि ये किसी की सलाह नहीं मानते और न ही किसी कार्य को करने से पहले किसी से विचार -विमर्श करते हैं यदि कोई इन्हें टोक दे तो ये शीघ्र ही क्रोधित हो जाते हैं और क्रोध में आकर बने -बनाए कार्य को बिगाड़ बैठते हैं और अपनी बनी -बनाई योजनाओं को अपने चिड़चिड़े स्वभाव के कारण नष्ट कर देते हैं। 

इन लोगों के तुनक मिजाज होने के कारण लोग प्रायः इनसे दूर भागते हैं। इनके मित्रों की संख्या इसी कारण बहुत कम रहती है। 

ये व्यक्ति बहुत चतुर होते हैं। अपने गुप्त रहस्यों और विचारों को किसी पर प्रकट नहीं करते चाहे वह इनका घनिष्ठ मित्र ही क्यों न हो किन्तु वाकपटु होने के कारण दूसरों के रहस्यों को जान लेते हैं। 

शत्रुओं से ये व्यक्ति सदैव घिरे रहते हैं किन्तु वे पीठ पीछे ही रहते हैं सामने आकर कभी आक्रमण नहीं करते। अतः उनसे डरने की भी वजह नहीं होती।
इन व्यक्तियों के लिए 4, 13,22 तथा 31 तारीखें शुभ होती हैं तथा शनिवार का दिन उत्तम रहता है। 

अंक 4 वाले व्यक्तियों को किसी महीने की 4,13,22 या 31 तारीखों को अपने विचार और योजनाओं को लागू करने का प्रयत्न करना चाहिए। यदि वे 21 जून से 20 से 27 जुलाई तक और 22 जुलाई से अगस्त के अन्त तक आने वाली उक्त तारीखों पर कोई कार्य करते हैं तो उन्हें सफलता मिलने की सम्भावना तब अधिक रहती है। 

इन व्यक्तियों के लिए सप्ताह के शनिवार , रविवार और सोमवार विशेष अनुकूल होते हैं और यदि ये वार 4, 13,22 व  31 और आपस में सम्बन्ध रखने वाले 1, 2, 7, 10, 11, 16, 18, 20, 25, 28 और 29 तारीखों को पड़ते हों तो और भी अनुकूल होते हैं। 

हल्के रंग प्रायः उनके अनुकूल होते हैं। नीली लौ की आभा वाले और भूरे रंग भी उनके अनुकूल होते हैं। 

उनके लिए हल्के अथवा गाढ़े रंग का नीलम सौभाग्यशाली समझा जाता है। 

गुरुवार, 4 मई 2023

मूलांक 5

 मूलांक 5

यह अंक ज्योतिष का पाँचवा अंक है। इस अंक का स्वामी गृह बुध माना जाता है। 

जिन व्यक्तियों का जन्म किसी भी माह की 5 , 14 या 23 तारीख में हुआ हो वे इस मूलांक के प्रभाव में आते हैं।

अंक 5 का प्रतीक और स्वामीग्रह बुध है। इसका स्वभाव चंचल माना जाता है। 

अंक 5 वाले व्यक्ति वे माने जाते हैं जो किसी महीने की 5, 14 या 23 तारीख को पैदा हुए हों। परन्तु उनके चरित्र में विशिष्टता तब अधिक पैदा होती है यदि वे 5 के अंक के काल 21 मई से 20 से 27 जून तक अथवा 21 अगस्त से 20 से 27 सितम्बर तक की तारीखों में पैदा हुए हों।  

अंक 5 वाले व्यक्ति बड़ी सरलतापूर्वक किसी को भी अपना मित्र बना लेते हैं तथा अन्य सभी अंकों वाले व्यक्तियों से निर्वाह कर लेते हैं। परन्तु वे अपने ही अंक वाले व्यक्तियों को अधिक अनुकूल पाते हैं जिनका जन्म 5,14 ,23 तारीखों को होता है। 


अंक 5 वाले व्यक्ति मानसिक रूप से बहुत सजग होते हैं। हमेशा तनाव की स्थिति में बने रहते हैं। 

ऐसे व्यक्ति किसी बात पर शीघ्र ही विचार कर सकते हैं और निर्णय भी शीघ्र ही ले लेते हैं। वे कार्य के प्रति भी उतावले रहते हैं। परन्तु खोजबीन वाले किसी भी कार्य को अर्थात् ऐसे कार्य को जिसमें बहुत अधिक समय लगे पसन्द नहीं करते।  वे स्वभावतः जल्दी धन इकट्ठा करने के उपाय अपनाते हैं। उनमें नई बातों और खोज के द्वारा धन -सम्पत्ति पैदा करने की बुद्धि होती है ; कहा जाय तो पैदाइशी सट्टेबाज होते हैं। वे स्टॉक - एक्सचेंज के लेन -देन के काम से पूर्णतया परिचित होते हैं और उनमें व्यापार सम्बन्धी जोखिम उठाने की इच्छा भी प्रबल रहती है।

उनका चरित्र अनोखे प्रकार का व लचीला होता है। वे अपने पर किए गए किसी भी आक्रमण का बदला फौरन ही लेने का प्रयत्न करते हैं। उन पर किसी भी बात का बहुत अधिक देर तक प्रभाव नहीं रहता। वे अपने स्वामीग्रह बुध के समान ही पारे की तरह लचीले होते हैं। दुर्भाग्य बहुत अधिक देर तक उनके चरित्र को प्रभावित नहीं कर पाता। यदि इस अंक वाले व्यक्ति स्वभाव से अच्छे हों तो वे सदा अच्छे ही बने रहते हैं , और यदि वे स्वभाव से बुरे हो तो किसी भी प्रकार का सदुपदेश उनमें रत्ती -भर भी परिवर्तन नहीं ला सकता। 

बुध के प्रभाव के कारण ये व्यक्ति उदार हृदयी , शांत चित्त , दयालु एवं अत्यंत बुद्धिमान होते हैं।  इस मूलांक वाले व्यक्ति अपनी बुद्धि के बल पर जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं। इस मूलांक के स्वामी अनेक कलाओं के जानने वाले , ज्ञानी ,संगीत एवं नृत्य विद्याओं में पारंगत , आज्ञाकारी , दानी और धनवान होते हैं। 

इस प्रकार के व्यक्तियों का स्वभाव हँसमुख होता है। कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी ये गम्भीर नहीं होते , इनके मुख पर सदैव मुस्कान बनी रहती है। 

विनोदी स्वभाव का होने के कारण इन व्यक्तियों के मित्रों की संख्या बहुत अधिक रहती है। 

ऐसे व्यक्तियों में गज़ब की आकर्षण शक्ति रहती है। इन्हें चुम्बकीय व्यक्तित्व का स्वामी कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी। इन व्यक्तियों को क्रोध करते हुए नहीं देखा जा सकता , किन्तु जब इन्हें क्रोध आता है तो बहुत तीव्रता से आता है और ये क्रोध में कुछ भी कर बैठते हैं। 

अंक 5 वाले व्यक्तियों में एक विशेष कमी यह होती है कि वे इस हद तक अपनी स्नायविक शक्ति का उपयोग करते हैं कि प्रायः तनावपूर्ण स्थिति में पहुंच कर टूट जाते हैं। मानसिक तनाव की स्थिति में उन्हें क्रोध जल्दी आता है और वे जल्दी खीझने लगते हैं। फिर उनके लिए कोई भी बात सहन करना कठिन हो जाता है।  

मूलांक पाँच के स्वामी व्यक्ति बहुत भावुक होते हैं और किसी के भी दुख को देखते ही दुखी हो जाते हैं। सदैव दूसरों का हित सोचने वाले ये व्यक्ति स्वयं किसी को दुख नहीं पहुँचाते हैं। 

ऐसे व्यक्ति स्थिर विचारों वाले होते हैं और इन्हें इनके विचारों से कोई डिगा नहीं सकता। जो निर्णय एक बार कर लें उसे कोई नहीं बदल सकता। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अपनी प्रतिभा से उन्नति प्राप्त करने वाले ये व्यक्ति ऐश्वर्यपूर्ण जीवन जीते हैं। 


ये व्यक्ति सदैव दूसरों से भिन्न दृष्टिकोण अपनाकर चलते हैं। किसी की आलोचना पर ध्यान नहीं देते और अपने कार्य में लगे रहते हैं। इन व्यक्तियों के लिए 5,14 एवं 23 तारीखें शुभ होती हैं तथा बुधवार का दिन उत्तम रहता है। 

अंक 5 वाले व्यक्तियों को अपने अंक के अनुसार किसी भी महीने की 5, 14 या 23 तारीख और विशेष रूप से 21 मई से 20-27 जून अथवा 21 अगस्त से 20-27 सितम्बर तक के समय में उक्त तारीखों में अपने कार्य करने का प्रयत्न करना चाहिए। 

बुधवार और शुक्रवार इनके लिए अनुकूल दिन हैं। यदि उनकी अनुकूल तारीखें इन दिनों में पड़ती हो तो वे दिन उनके लिए अधिक लाभदायक सिद्ध होते हैं। 

उनके लिए हल्के भूरे , सफेद और चमकदार रंग और वस्तुएं शुभ मानी जाती हैं। वे जिस प्रकार सभी अंक वाले व्यक्तियों से मैत्री कर सकते हैं , उसी प्रकार सभी रंगों के कपड़े भी पहन सकते हैं , परन्तु अधिक लाभदायक उनके लिए हल्के रंग के वस्त्र हैं। जहां तक सम्भव हो सके उन्हें अधिक गहरे रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए। 

उनके लिए हीरा शुभ रत्न है। उन्हें ऐसी चीजों के आभूषण धारण करने चाहिएं जिनमें प्लेटिनम अथवा चांदी आदि धातुएं आती हैं। उन्हें प्लेटिनम में जड़ा हुआ हीरा धारण करना चाहिए। 

मंगलवार, 2 मई 2023

मूलांक 6

 मूलांक 6

इस अंक के स्वामी शुक्र एवं शनि ग्रह हैं। शुक्र ग्रह इस अंक पर अधिक प्रभाव बनाए रखेगा। 

अंक 6 का प्रतीक और स्वामीग्रह शुक्र है। अंक 6 के व्यक्ति वे माने जाते हैं जो किसी भी महीने की 6, 15 या 24 में से किसी तारीख को पैदा हुए हों। उन पर विशेष रूप से इस अंक का प्रभाव तब स्पष्ट नजर आता है जब वे इस अंक के समय 26 अप्रैल से 20-27 मई और 21 सितम्बर से 20-27 अक्टूबर तक अर्थात् उक्त समय में पैदा हुए हों। 


अंक 6 वाले व्यक्ति अत्यधिक आकर्षक होते हैं। उनमें दूसरे व्यक्तियों को आकर्षित करने का विशेष गुण होता है। जो भी व्यक्ति उनके अधीन होते हैं वे उनसे प्रेम ही नहीं करते बल्कि उनकी पूजा भी करते हैं। 

ऐसे व्यक्ति अपनी योजनाएं पूरी करने के लिए बहुत दृढ़ इरादे वाले होते हैं। किसी के प्रति प्रेम -भाव रखने में वे हठ की सीमा तक पहुंच जाते हैं। जब वे किसी से प्रेम करने लगते हैं तो उसके प्रति गुलामों की तरह समर्पित नज़र आते हैं यानी गुलाम -से लगते हैं। 

यद्यपि अंक 6 वाले व्यक्ति शुक्र ग्रह से प्रभावित होते हैं और वही उनका स्वामीग्रह होता है , तथापि वे किसी से इन्द्रिय -भोग सुख की बजाय माता का -सा प्रेम करने लगते हैं। प्रेम के सभी मामलों में वे रोमांटिक और आदर्श समझे जाते हैं। उनमें शुक्र के गुण बहुत प्रखरता से पाए जाते हैं। इसलिए वे सभी सुन्दर वस्तुओं से प्रेम करते हैं। उनके घर बहुत आकर्षक रूप से सजे हुए होते हैं तथा उन्हें समृद्ध रंगों , चित्रकला और संगीत से प्रेम होता है। 

धनी होने पर अंक 6 वाले व्यक्ति कला और कलाकारों के लिए उदारता से धन खर्च करते हैं। वे अपने मित्रों के स्वागत -समारोह तथा आतिथ्य के लिए सदा तैयार रहते हैं। वे प्रयत्न करते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति उनसे प्रसन्न रहे , परन्तु ईर्ष्या और अवमानना को वे सहन नहीं कर सकते। 

ऐसे व्यक्ति जब क्रुद्ध होते हैं तो वे किसी भी विरोध को सहन नहीं कर पाते। जब वे किसी कार्य अथवा व्यक्ति के प्रति समर्पित होते हैं तो उसे अपना कर्त्तव्य -कर्म समझकर पूरा करने का प्रयत्न करते हैं। 

इस मूलांक में जन्में व्यक्ति के जीवन में प्रेम एवं विवाह का अधिक महत्त्व होगा। ये दोनों घटनाएं व्यक्ति के जीवन को पूर्ण प्रभावित करेंगी तथा व्यक्ति इसी के द्वारा सुख अथवा दुख का प्राप्ति करेगा। 

ऐसे व्यक्तियों में दृढ़ इच्छा शक्ति होती है तथा व्यक्ति इसी गुण के आधार पर जीवन में सफलता प्राप्त करेगा। 

आत्मविश्वास से भरपूर ऐसे व्यक्ति प्रतिकूल परिस्थितियों में भी धैर्य का साथ नहीं छोड़ते तथा परिस्थितियों को अपने अनुकूल होने की प्रक्रिया करते हैं। 

ऐसे व्यक्ति देखने में आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी होते हैं तथा अपने सम्पर्क में आए व्यक्ति पर पूर्ण प्रभाव छोड़ते हैं। 

इन व्यक्तियों का झुकाव कला तथा साहित्य की ओर विशेष होता है तथा इन क्षेत्रों में परिश्रम करने पर सफलता की भी पूर्ण सम्भावना रहती है। 

ऐसे व्यक्ति विज्ञान एवं राजनैतिक क्षेत्रों में भी रूचि रखते हैं तथा जीवन में नई -नई खोज करते हैं। 

ऐसे व्यक्ति कल्पनाशील होते हैं तथा कभी -कभी अपनी कल्पनाओं के द्वारा अधिक लाभ भी प्राप्त करते हैं। तनिक सा प्रयास करने पर तथा अपनी कल्पनाशीलता को सही ढंग से उभारकर व्यक्ति अच्छा एवं प्रसिद्द सज्जाकार भी बन सकता है। 

धन एवं खर्च के विषय में ऐसे व्यक्ति मितव्ययी होते हैं तथा प्रत्येक कार्य में कंजूसी से काम करते हैं इसी कारण व्यक्ति धन का संचय करने में सफल होते हैं। 

यह व्यक्ति बहुधा धन प्राप्ति के विषय में ही विचार करते हैं।  इसी कारण अक्सर तनाव का शिकार हो जाते हैं। 

मानसिक स्वास्थय में कमी बनी रहती है तथा जीवन में किसी विशेष कमी के कारण कुंठाग्रस्त हो जाते हैं। 

ऐसे व्यक्ति आज की अपेक्षा कल में अधिक विश्वास रखते हैं तथा अपने भविष्य के विषय में विशेष तौर पर चिंतित रहते हैं। 

इस मूलांक में जन्में व्यक्ति का प्रारम्भिक जीवन संघर्षपूर्ण , कठिनाइयों से भरा रहता है। किन्तु शनैः शनैः अपने परिश्रम तथा दृढ़ संकल्प के बल पर वह यश तथा प्रतिष्ठा प्राप्त करता है। 

धन के लोभी किन्तु ये व्यक्ति ईमानदार होते हैं तथा ईमानदारी से धनी बनते हैं। 


अंक 6 के व्यक्ति अन्य किसी भी श्रेणी के व्यक्तियों को मित्र बनाने में अधिक समर्थ होते हैं। विशेष रूप से 3, 6, 9 और इस श्रंखला के सभी व्यक्तियों से उनके सम्पर्क जल्दी बन जाते हैं। 

इन व्यक्तियों के लिए 6 अंक महत्त्वपूर्ण है तथा इस अंक के द्वारा ही बहुधा सफलता प्राप्त होती है। 

सप्ताह के मंगलवार , बृहस्पतिवार और शुक्रवार उनके लिए शुभ माने जाते हैं , विशेष रूप से यदि ये दिन 3, 6, 9, 12, 15, 18, 21, 24, 27 और 30 तारीख को पड़ते हों। 

अंक 6 वाले व्यक्तियों को अपने कार्यों और ध्येय की पूर्ती के लिए 6, 15 व 24 तारीखों को और विशेष रूप से 20  अप्रैल से 20-27 मई और 21 सितम्बर से 20-27 अक्टूबर तक के दिनों की उक्त तारीखों को प्रयत्न करना चाहिए। 

उनके लिए हल्के रंग से लेकर गहरे नीले रंग के साथ -साथ गुलाबी और लाल रंग भी शुभ माने जाते हैं , परन्तु उन्हें काले और बैंगनी रंग धारण नहीं करने चाहिए। 

उनके लिए सौभाग्यशाली रत्न फ़िरोज़ा है। जहां तक सम्भव हो सके उन्हें फ़िरोज़ा धारण करना चाहिए। अंक 6 वाले व्यक्तियों के लिए पन्ना भी सौभाग्यशाली रत्न माना जाता है। 

सोमवार, 1 मई 2023

मूलांक 7

 मूलांक 7

यह अंक ज्योतिष का सातवां अंक है। इस मूलांक का स्वामी गृह नेपच्यून यानी वरुण को माना जाता है। 

वे व्यक्ति जिनका जन्म 7 , 16  एवं 25 तारीख को हुआ हो अथवा विशेष रूप से 25 जून से 20 -27 जुलाई तक , जिसे राशि -चक्र के हिसाब से चन्द्रमा का काल कहा जाता है , में पैदा हुए हों तो वो इस मूलांक की श्रेणी में आते हैं। इसे जल का स्वामी भी कहा जाता है। 

चन्द्रमा का अंक 2 होता है और इस प्रकार हम कह सकते हैं कि अंक 7 वाले व्यक्तियों का गौण अंक भी 2 ही होता है। इस प्रकार 7 अंक वाले व्यक्ति चन्द्रमा से सम्बन्ध रखने वाले अंकों 2,11,20 अथवा 29 तारीखों में उत्पन्न व्यक्तियों से मैत्री सम्बन्ध रखने में सफलता अनुभव करते हैं। 21 जून से जुलाई के अंत तक उत्पन्न व्यक्ति इस अंक वालों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त होते हैं , क्योंकि इस ग्रह का स्वामी भी चन्द्रमा ही है। 

किसी भी माह की  7 , 16  एवं 25 तारीखको उत्पन्न हुए व्यक्ति स्वतन्त्र और मौलिक विचार वाले होते हैं। उनका व्यक्तित्व अपने -आप में विशिष्ट होता है। 


उन्हें परिवर्तन और यात्राएं आदि कार्य विशेष पसन्द होते हैं। ऐसे व्यक्ति स्वभावतः अपने -आप में बेचैन अथवा उग्र रहते हैं। यदि उन्हें विदेश -यात्राओं के द्वारा अपनी इच्छा पूर्ण करने का अवसर मिले तो विदेश -सम्बन्धी कार्यों में उनकी रुचि उत्पन्न हो जाती है। वे यात्रा के समय पुस्तकें पढ़ने में भी रुचि रखते हैं। इस प्रकार के अध्ययन से उन्हें विश्व की अनेक बातों का ज्ञान हो जाता है। 

ऐसे व्यक्ति प्रायः बहुत अच्छे लेखक , चित्रकार और कवि भी होते हैं परन्तु उनके इन कार्यों में एक विशेष प्रकार का दार्शनिक दृष्टिकोण पाया जाता है। 

इस श्रेणी के व्यक्ति जीवन से सम्बन्धित भौतिक वस्तुओं के प्रति कोई विशेष लगाव नहीं रखते। उन्हें धन की प्राप्ति अपने मौलिक विचारों और व्यापार -सम्बन्धी अपनाये गए तरीकों के कारण ही होती है और वे धनि -मानी बन जाते हैं। यदि उनके पास धन आ जाए तो वे उसे दान कर देते हैं अथवा संस्थाओं पर व्यय कर देते हैं। इस अंक वाली महिलाएं अपने विवाहित जीवन में बहुत सुखी रहती हैं , परन्तु फिर भी उन्हें भविष्य को सुरक्षित रखने की चिन्ता बनी रहती है , ताकि भाग्य की लहरें उन्हें किसी संकट में न डाल दें। 

अंक 7 वाले व्यक्तियों के व्यापार के सम्बन्ध में मौलिक विचार होते हैं। यदि वे उनको कार्यरूप में परिणत कर सकें तो और भी लाभ होता है। यात्राओं तथा विदेशों से सम्बन्धित बातों को जानने में उनकी विशेष रुचि होती है। यदि उन्हें अवसर मिले तो समुद्र से सम्बन्धित व्यापार में उनकी रुचि पैदा हो जाती है और वे प्रायः समुद्र से व्यापार करने वाले , आयात -निर्यात करने वाले और विदेशों से सम्बन्ध रखने वाले होते हैं। यदि उन्हें अवसर मिले तो उनमें जहाज का कप्तान आदि बनने की भी सामर्थ्य होती है। 

7 अंक वाले व्यक्ति धर्म के सम्बन्ध में अपने विशिष्ट विचार रखते हैं। वे पुरानी परम्परागत मान्यताओं को पसन्द नहीं करते। धर्म के प्रति उनका अपना ही दृष्टिकोण होता है। इस सम्बन्ध में यही कहा जा सकता है कि उनकी धारणाएं बड़ी महत्त्वपूर्ण होती हैं। 

इन व्यक्तियों को कभी -कभी बहुत अद्भुत स्वप्न आते हैं तथा तन्त्र -विद्या की ओर भी उनका झुकाव होता है। आगे आने वाली बातों को भांप लेने का उन्हें अन्तर्ज्ञान होता है। इनके आकर्षक व्यक्तित्व का दूसरों पर बहुत प्रभाव होता है। 

वरुण के प्रभाव के कारण ये व्यक्ति स्वभाव से बहुत ही कोमल एवं संवेदनशील होते हैं। जल की भांति शीतल एवं निर्मल भावनाओं से युक्त ये व्यक्ति उदार हृदयी होते हैं। 

इन व्यक्तियों की प्रधान विशेषता होती है आत्मसम्मान। किसी का उपकार इनसे सहन नहीं होता। ये किसी भी परिस्थिति में किसी दूसरे का सहयोग अथवा मदद नहीं लेते। स्वाभिमान इनमें कूट -कूट कर भरा होता है। 

किन्तु ये व्यक्ति कभी किसी का बुरा नहीं करते। सबसे खुले हृदय से मिलते हैं। ये स्वयं किसी की मदद लेना पसंद नहीं करते किन्तु दूसरों की सहायता करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। 

मूलांक सात के स्वामी व्यक्ति बाह्य आडम्बरों और रुढ़िवादि परम्पराओं को नहीं मानते , किन्तु इन्हें नास्तिक कहना उचित नहीं होगा , क्योंकि ये पाप और पुण्य में विश्वास रखते हैं। 

इन व्यक्तियों को क्रोध नहीं आता और किसी की आलोचना का इन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता , प्रत्येक बात को मुस्कुरा कर टालना तो कोई इनसे सीखे। 

इतने गुणों के होने पर भी इनमें एक अवगुण होता है ये जिद्दी होते हैं। सदैव अपने मन की करते हैं किसी की बात मानना तो जैसे इन्होंने सीखा ही नहीं। 

ये व्यक्ति जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं किन्तु हठी होने के कारण कभी -कभी इन्हें असफलता का मुँह भी देखना पड़ता है किन्तु ये असफलताओं से निराश नहीं होते और निरंतर प्रयास करते रहते हैं। 


इन व्यक्तियों के लिए सोमवार , बुधवार का दिन व 7 , 16 तथा 25 तिथियाँ अत्यंत शुभ होती हैं। 

अंक 7 के व्यक्तियों को अपने कार्य उसी दिन प्रारम्भ करने चाहिएं जो किसी भी महीने में उनके अंकों के अनुरूप हों। ये तारीखें 7 ,16 और 25 हैं , परन्तु यदि वे 7 से सम्बन्धित समय 21 जून से 20 -27 जुलाई अथवा कम प्रभावपूर्ण समय अगस्त तक कार्य करेंगे तो उन्हें उनमें विशेष सफलता प्राप्त होगी। 

अंक 7 के व्यक्तियों के लिए सप्ताह के वही दिन शुभ माने जाते हैं जो अंक 2 वाले व्यक्तियों के लिए उत्तम हैं। ये दिन हैं रविवार और सोमवार। यदि ये दिन उनके अंक की तारीख अथवा 1,2,4,11,13,19,20,22,28,29 और 31 तारीखों में से किसी दिन पड़ते हों  तो उनके लिए और अधिक शुभ होते हैं। 

अंक 7 के व्यक्तियों के लिए हरा , पीला व सफेद आदि रंग शुभ हैं। जहां तक संभव हो सके उन्हें अधिक गहरे रंगों से बचना चाहिए। 

उनके लिए "मूनस्टोन", मोती आदि रत्न शुभ हैं। सम्भव हो सके तो उन्हें मूनस्टोन धारण करना चाहिए। 

मूलांक 8

 मूलांक 8

मूलांक आठ अंक ज्योतिष का आठवां अंक है।  इसका स्वामी गृह शनि है। जिन व्यक्तियों का जन्म किसी भी मास की 8, 17 या 26 तिथियों में हुआ हो वो इस मूलांक के प्रभाव में आते हैं। परन्तु यदि उनका जन्म -दिन 21 दिसम्बर  से लेकर 26 जनवरी या 26 जनवरी से 19 -26 फरवरी तक पड़ता हो तो उक्त तारीखों में उत्पन्न व्यक्तियों पर इस अंक का अधिक प्रभाव होता है। 21 दिसम्बर से 26 जनवरी तक के समय में पैदा हुए व्यक्तियों के लिए यह अंक विशेष अनुकूल होता है , जबकि 26 जनवरी से 19 -26 फरवरी तक के लिए शनि का समय अनुकूल नहीं होता।  शनि के प्रभाव में होने के कारण इन व्यक्तियों में अन्य मूलांक वाले व्यक्तियों की अपेक्षा कुछ विशेष गुण पाए जाते हैं। 

अंक 8 की व्याख्या करना बड़ा कठिन है , क्योंकि इसका  सम्बन्ध भौतिक और आध्यात्मिक दोनों लोकों से है। यह बिल्कुल उसी प्रकार है जैसे दो गोल दायरों की लकीरें एक -दूसरे को छूती हुई चलती हों। 


इस अंक वाले व्यक्तियों के प्रति प्रायः लोगों की गलत धारणाएं होती हैं और यही कारण है कि अंक 8 वाले व्यक्ति अपने -आपको अकेला अनुभव करते हैं। 

मूलांक आठ वाले व्यक्ति स्वभाव के गम्भीर , धैर्यवान , विद्वान एवं सदाचारी होते हैं। इन व्यक्तियों के हृदय में मानव मात्र के लिए प्रेम एवं भाईचारे की भावना होती है। 

ऐसे व्यक्ति बहुत दृढ़ स्वभाव के होते हैं। इनमें अपने व्यक्तित्व की शक्ति होती है। वे जीवन के रंगमंच पर महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं ,जिसे प्रायः भाग्य से सम्बन्धित माना जाता है। ऐसे व्यक्ति दूसरों के लिए प्रायः सौभाग्यशाली सिद्ध होते हैं। 

ये व्यक्ति विषम परिस्थितियों में भी धैर्य नहीं खोते और सदैव कठिन परिश्रम के बल पर निरन्तर आगे बढ़ते जाते हैं। 
यदि इनका झुकाव धर्म की ओर हो तो वे उसकी चरम सीमा तक पहुंचते हैं और उनका उत्साह धर्मान्ध के रूप में प्रकट होता है। ऐसे व्यक्ति यदि कोई कार्य अपने जिम्मे ले लेते हैं तो उसका कितना भी विरोध हो , वे उसे पूर्ण करके ही रहते हैं, परन्तु उनकी इसी हठधर्मी के कारण अनेक व्यक्ति उनके शत्रु भी बन जाते हैं। 

ये व्यक्ति अपने विचारों से शीघ्र ही दूसरों को प्रभावित कर लेते हैं और यही इनकी सफलता का प्रमुख कारण होता है। 

उन्हें देखने से ऐसा पता लगता है कि उनकी किसी बात में कोई विशेष रुचि नहीं है। वे अपनी रुचियां प्रकट भी नहीं करते। यद्यपि दुःखी लोगों के प्रति उनके दिल में बहुत सहानुभूति होती है ,परन्तु वे अपनी भावनाओं को प्रकट नहीं करते। अन्य व्यक्ति उनके बारे में कुछ भी सोचते रहें ,उन्हें इस बात की कोई चिन्ता नहीं होती। 

अंक 8 वाले व्यक्ति या तो अत्यन्त सफल होते हैं अथवा अपने जीवन में उन्हें कभी सफलता प्राप्त नहीं होती। उनके जीवन का कोई मध्यम मार्ग नहीं होता। 

यदि उनमें कोई महत्त्वाकांक्षा जागृत हो जाए तो वे सामाजिक जीवन अथवा किसी महत्त्वपूर्ण सरकारी तथा उत्तरदायित्वपूर्ण पद की आकांक्षा रखते हैं। ऐसे व्यक्ति बहुत ऊंचे पद पर पहुंचते हैं परन्तु उन्हें इसके लिए बहुत कुर्बानी करनी पड़ती है। 

ऐसे व्यक्ति पीठ पीछे किसी की बुराई नहीं करते और जिसके सामने जो चाहते हैं कह डालते हैं। 

कुछ लोग इन्हें अभिमानी समझते हैं और अधिकतर इनसे कतराते रहते हैं। कुछ व्यक्ति इनके सामने ही इनका अनादर भी कर देते हैं किन्तु ये व्यक्ति इसकी परवाह नहीं करते और अपने कार्य में लगे रहते हैं। 

अंक 8 से सम्बन्धित व्यक्ति अपने सामान्य सामाजिक जीवन में प्रायः उपेक्षित रहते है और वे उस उपेक्षा को अपने लिए मानवीय न्याय के रूप में एक सजा मानते हैं , परन्तु जो भगवान् के न्याय के सदा विपरीत होती है। 

सांसारिक दृष्टिकोण से अंक 8 सौभाग्यशाली अंक नहीं माना जाता और इस अंक वाले व्यक्तियों को बड़ी कठिनाइयां , हानि और अनादर सहन करना पड़ता है। 

ऐसे व्यक्ति गहन चिन्तनशील होते हैं व्यर्थ की बातों में समय गंवाने की अपेक्षा ये व्यक्ति स्वयं में मगन रहना पसंद करते हैं। इसी कारण कुछ लोग इनके विरोधी बन जाते हैं और इन्हें हानि पहुंचाते हैं किन्तु ये व्यक्ति ऐसी बातों की परवाह ना करते हुए अपने कार्य में लगे रहते हैं। 

इस मूलांक वाले व्यक्ति समुद्र की तरह गहरे हृदय वाले होते हैं। अपने गुप्त रहस्यों को ये किसी पर प्रकट नहीं करते और किसी को अपने भेद नहीं देते और यही कारण है कि इन व्यक्तियों के मित्रों की संख्या बहुत कम होती है। 

इस मूलांक के व्यक्ति प्रायः प्रकाण्ड विद्वान , कवि , लेखक , सम्पादक या प्रकाशक होते हैं और अपने कार्य के द्वारा दूर -दूर तक प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं। 

इस अंक वाले व्यक्ति के भाग्य में एक ओर जहां बड़ी कठिनाइयां , उथल -पुथल , अव्यवस्था तथा सभी प्रकार की विषमताएं आती हैं , वहीं दूसरी ओर उनके विचारों में दार्शनिकता , तन्त्र -विद्या और धार्मिक बातों की ओर ध्यान देने तथा अपने ध्येय के प्रति विचारों को एकत्र करने का झुकाव भी होता है। उसके सभी कार्यों में भाग्यवादी दृष्टिकोण प्रकट होता है तथा वह अपने ध्येय के प्रति बहुत उत्साह से कार्य करता है। 

ये व्यक्ति अपने कार्यों द्वारा स्वयं को ही नहीं बल्कि दूसरे लोगों को भी अच्छे कार्यों के लिए प्रेरित करते हैं। इन व्यक्तियों के हृदय में मानव मात्र के लिए दया एवं करुणा होती है। 

अंक 8 से सम्बन्धित व्यक्ति अपने -आपको अपने साथियों से भिन्न समझते हैं। आन्तरिक तौर पर वे अपने -आप को एकाकी अनुभव करते हैं। अन्य व्यक्ति प्रायः उन्हें गलत समझते हैं।  उन्हें अपने जीवन में किए हुए कार्यों का फल भी प्राप्त नहीं होता , लेकिन मृत्यु के बाद उनकी पूजा की जाती है , उनके कार्यों की प्रशंसा की जाती है और उनकी स्मृति में बड़ी -बड़ी श्रद्धांजलियां भेंट की जाती हैं। 

अंक 8 वाले व्यक्ति जहां एक ओर मानवीय न्याय के प्रति संघर्षरत रहते हैं वहीं , ईश्वर पर भी उनका अगाध विश्वास होता है। ऐसे व्यक्तियों का जीवन प्रायः दुःखान्त ही होता है। 

अंक 8 के व्यक्तियों को दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है। उनकी पहचान के लिए यह देखना चाहिए कि उनके जीवन की प्रमुख घटनाएं अंक 8 से प्रभावित हैं या नहीं , अथवा उन पर 1 , 3, और 6 के अंकों की श्रृंखलावाले अंकों का तो प्रभाव नहीं है। यदि उन पर बाद की स्थिति लागू होती है तो यह अनुमान लगाया जा सकता है कि वे अपनी किसी पूर्वस्थिति का मूल्य चुका रहे हैं और उस स्थिति को और बढ़ा रहे हैं , जहां उन्हें प्रभु के न्याय अथवा कृपा द्वारा ही फल की प्राप्ति पर विश्वास हो। यदि इनसे विपरीत स्थिति हो तो यह समझना चाहिए कि ऐसे व्यक्ति भाग्य के हाथों किसी दुर्घटना का शिकार होने वाले हैं। 


अंक 8 शनि का दिन होने के कारण शनिवार उनके लिए अधिक महत्त्वपूर्ण होता है , परन्तु उनका गौण अंक 4 होने के कारण सोमवार , शनिवार और रविवार भी महत्त्वपूर्ण बन जाते हैं। 

इन व्यक्तियों के लिए शनिवार का दिन तथा 8, 17 व  26 तारीखें विशेष शुभ होती  हैं। विशेष रूप से अंक 8 के समय जो 21 दिसम्बर से 20 -27 जनवरी तक है , उक्त तारीखों में ही अपनी योजनाएं कार्यान्वित करनी चाहिएं। यदि ये तारीखें शनिवार , रविवार या सोमवार को पड़ती हो तो और भी अच्छा रहेगा। 

अंक 8 के व्यक्तियों के लिए गहरे भूरे , काले , गहरे नीले और बैंगनी रंग शुभ माने जाते हैं। यदि अंक 8 वाले व्यक्ति हल्के रंग के कपड़े पहन लेते हैं तो वे अजनबी -से दिखाई देने लगते हैं मानो उनके साथ कोई अप्रिय घटना घटी हो। 

इन व्यक्तियों के लिए नीलम शुभ रत्न है। यदि वे चाहें तो काला मोती अथवा काला हीरा भी धारण कर सकते हैं। 

अंक 8 का तान्त्रिक चिह्न न्याय की मूर्ती माना जाता है। इसके दायें हाथ में तलवार है और बाएं हाथ में तराजू। 

मूलांक 9

 मूलांक 9

नवाँ अंक , अंक ज्योतिष का अन्तिम अंक है।  इस मूलांक का स्वामी गृह मंगल को माना जाता है।  जिन व्यक्तियों का जन्म किसी भी मास 9 , 18 या 27 तिथियों में हुआ हो वे लोग इस मूलांक के प्रभावी क्षेत्र में आते हैं। यह प्रभाव उस समय और भी बढ़ जाता है जब व्यक्ति 21 मार्च से 19 -26 अप्रैल के दिनों में पैदा हुआ हो , जिसे मंगल का अनुकूल समय माना जाता है अथवा उसका जन्म 21 अक्टूबर से 20 -27 नवम्बर के मध्य हुआ हो , जिसे मंगल का प्रतिकूल समय माना जाता है। 


मंगल के प्रभाव में होने के कारण ये व्यक्ति अत्यंत क्रोधी होते हैं। साहस इनमें कूट -कूट कर भरा होता है और खतरों से खेलना इनके प्रिय शौक होते हैं। 

अंक 9 वाले व्यक्ति अपने सम्पूर्ण जीवन में संघर्षों से जूझते रहते हैं। उनके बचपन का समय संकटों से भरा होता है और जीवन के अन्तिम काल तक वे सफलता की ओर इसलिए बढ़ते हैं क्योंकि उनका इरादा और ध्येय दृढ़ होता है। 

ऐसे व्यक्ति स्वभाव से क्रोधी , आवेगयुक्त , स्वतन्त्र भावनाओं वाले और अपने स्वामी स्वयं होते हैं। वे किसी के अधीन रहना पसन्द नहीं करते। 

अत्यधिक क्रोधी होने के कारण इन व्यक्तियों को बुद्धिमान भी नहीं कहा जा सकता। किन्तु ये आवश्यकता से अधिक चालाक होते हैं और चतुराई से ही बड़े से बड़ा कार्य कर लेते हैं। 

अंक 9 के व्यक्ति यदि अपने क्रोध और हिंसा पर अधिकार और नियन्त्रण रख सकें तो यह अंक उनके लिए निश्चय ही सौभाग्यशाली सिद्ध होता है। 

ये व्यक्ति अविवेकी होते हैं जहाँ शांति से कार्य करना चाहिए वहीं ये अत्यंत शीघ्रता एवं जोश से कार्य करना चाहते हैं जिसके कारण कार्य अधिकतर बिगड़ जाते हैं। 

अंक 9 वाले व्यक्ति के जीवन पर तिथियों और घटनाओं का अत्यधिक प्रभाव होता है। उनके अनेक दुश्मन बन जाते हैं और उनका विरोध होने लगता है। वे या तो युद्ध के मैदान में जख्मी हो जाते हैं अथवा मारे जाते हैं। उन्हें जीवनरूपी कर्मभूमि में भी युद्ध के समान ही अनेक संकटों का सामना करना पड़ता है। 

ये अत्यंत साहसी होते हैं यदि चाहें तो बड़े से बड़ा कार्य कर सकते हैं किन्तु ये लोग कर्म में विश्वास नहीं रखते और चालाकी एवं धूर्तता से धनोपार्जन करते हैं। 

वे किसी प्रकार की आलोचना पसन्द नहीं करते। उन्हें अपने सम्बन्ध में अपनी ही धारणायें सही मालूम होती हैं। वे अपनी योजनाओं में किसी की दखलन्दाजी पसन्द नहीं करते। वे चाहते हैं कि उनकी सेवा -टहल भली प्रकार की जाये और उन्हें घर का मुखिया माना जाये। 

यदि इन व्यक्तियों के सामने इनके अवगुणों को बता दिया जाए अथवा इन्हें इनके गलत कार्य पर टोक दिया जाए तो ये उसे समझने की बजाय अत्यंत क्रोधित हो जाते हैं और मार -पीट पर उतारू हो जाते हैं। 

ऐसे व्यक्ति महान् उत्साही होते हैं और उनमें श्रेष्ठ सैनिकों के गुण पाये जाते हैं। वे जिस भी क्षेत्र में काम करना चाहें , उनकी इच्छा उस क्षेत्र में नेता बनने की होती है। 

उनका सबसे बड़ा शत्रु उनका हठ होता है। वे अपने कार्यों और शब्दों पर नियन्त्रण नहीं रख पाते। उन्हें प्रायः दुर्घटनाओं का शिकार होना पड़ता है। ये दुर्घटनाएं प्रायः आग और विस्फोटों आदि से होती है। उनके सम्बन्ध में यह बात आम पाई जाती है की उन्हें कई आपरेशनों अथवा शल्य -चिकित्सकों के हाथों से गुजरना पड़ता है। 

घर -परिवार में भी उन्हें अनेक कठिनाइयों और संघर्षों का मुकाबला करना पड़ता है। यह संघर्ष उनके सम्बन्धियों अथवा उन रिश्तेदारों के कारण होता है जिन परिवारों में उसका विवाह होता है। 

प्रेम -सम्बन्धी मामलों में ऐसे व्यक्ति सभी कुछ कर सकते हैं। 9 अंक वाले व्यक्ति स्त्रियों के जाल में फंसकर महान् मूर्ख सिद्ध होते हैं। 

ऐसे व्यक्तियों को चाटुकारिता पसन्द होती है। यदि कोई दिन -रात इनकी प्रशंसा करता रहे तो ये बहुत प्रसन्न रहते हैं और कभी -कभी जोश में आकर दूसरे का भला भी कर बैठते हैं। यदि इनसे कोई काम निकलवाना है तो सबसे उत्तम उपाय है कि इनकी प्रशंसा की जाए जिससे ये खुश होकर जो चाहो कर देते हैं। 

ऐसा नहीं है कि ये लोग आलसी होते हैं। यदि ये चाहें तो पर्वत को उखाड़ लें , किन्तु इनका मत है कि जब बिना हाथ पैर हिलाए कार्य होते रहें तो कार्य करने की क्या आवश्यकता है। 

ऐसे व्यक्ति अच्छे साधन -सम्पन्न और संगठन के काम में बहुत प्रवीण होते हैं , परन्तु यदि वे अपने काम पर पूर्ण नियन्त्रण नहीं रख पाते तो निराश होकर एक ओर हट जाते हैं। उन्हें उन कामों के बिखर जाने की चिन्ता नहीं होती। 
ये व्यक्ति अपने अधिकार माँगने या गिड़गिड़ाने में विश्वास नहीं करते बल्कि हाथ -बढ़ाकर छीन लेते हैं। 

इन व्यक्तियों के विचार अपने ही जैसे लोगों से मिलते हैं और अपने गुणों से मिलते -जुलते एवं चाटुकार लोग इनके मित्र होते हैं। 


मूलांक 9 व्यक्तियों के लिए 9 ,18 ,27 तिथियाँ बहुत शुभ रहती हैं तथा मंगलवार का दिन उत्तम रहता है। 

इन व्यक्तियों का मेलजोल 3,6,9,12,15,18,21,24,27 और  30 तारीख को पैदा होने वाले व्यक्तियों से अधिक होता है ,क्योंकि इन सभी अंकों का 9 अंक वाले व्यक्तियों पर अनुकूल प्रभाव होता है। 

अंक 9 के व्यक्तियों के लिए किरमिची , लाल अथवा गुलाब और गिलाबी रंग के सभी शेड शुभ माने जाते हैं। 

अंक 9 वाले व्यक्तियों के लिए लाल , गारनेट और लाल रंग का रत्न सौभाग्यशाली सिद्ध होता है। यदि वे इनमें से किसी भी रत्न को धारण करेंगे तो उन्हें विशेष लाभ होगा। 

सप्ताह के मंगलवार , बृहस्पतिवार और शुक्रवार उनके लिए बहुत महत्त्वपूर्ण दिन हैं। मंगलवार का तो उनके लिए विशेष महत्त्व है क्योंकि इसे मंगल का दिन माना जाता है। 

9 अंक वाले व्यक्तियों को अपने लक्ष्य और योजनाओं की पूर्ती के लिए किसी भी माह की 9,18,27 आदि तारीखों को प्रयत्न प्रारम्भ करना चाहिए। यदि वे उक्त तारीखों में कार्य प्रारम्भ करेंगे तो उन्हें सफलता मिलेगी। यह समय  21 मार्च से 19 -26 अप्रैल तक और  21 अक्टूबर से 20 -27 नवम्बर तक होता है। यदि वे इन तारीखों को अपने अंक से सम्बन्धित दिन अथवा 3,6,12,15,21,24 और  30 तथा आपसी परिवर्तनशील दिनों में अपना कार्य प्रारम्भ करेंगे तो उन्हें अधिक सफलता प्राप्त होगी। 

मूलांक 1

मूलांक 1  1 ,10,19 एवं 28 तिथियों में जन्म लेने वाले व्यक्तियों का मूलांक 1 होता है।  अंक 1 कि सभी बातें 1,10,19 व 28 तारीखों में जन्म लेने ...